logo

क्या राजनीति का ही अपराधिकरण हो चुका है ? पढ़िए आज का यह लेख

मैं शासन प्रशासन या संविधान के ख़िलाफ़ कदाचित् नहीं हूँ मैं तो राजनीति और राजनेताओं के सख़्त ख़िलाफ़ हूँ क्योंकि
मेरा दृष्टिकोण और अनुभव कहता है की अब राजनीति में
प्रदेश या देश के लिये वो कर्मठता और उदारता अब नहीं रही
क्योंकि राजनेता अब भ्रष्ट हो चुके हैं तथा राजनीति का अपराधिकरण हो चुका है मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि मेरे दृष्टिकोण से आप देखने की कोशिश करें तो आपको भी या स्पष्ट हो जाएगा कि मैंने जो कहा वह सत प्रतिसत सत्य है
क्योंकि मेरा दृष्टिकोण कहता है की जो माफिया आपराधी या भगौड़ा कल तक पुलिस से बचता घूमता है वही राजनीति में आने के पश्चात नेता मंत्री बन कर घूमता है तथा वही पुलिस उसकी सुरक्षा करती है तथा जो योग्य लोग हैं उन्हें कभी अवसर नहीं मिलता क्योंकि कहीं ना कहीं उनके हाथ बंधे हैं
देश का बुनियादी ढाँचा क्यों कमजोर हो रहा दिन पर दिन
क्योंकि यहाँ अनपढ़ देश चलाते हैं और पढ़े लिखे विद्वान यहाँ दर दर की ठोकर खाते हैं यहाँ अंधा है क़ानून और अंधे कुर्शीवाले हैं ठेके (दारू की दुकान ) को तो मंज़ूरी दे दी है
परंतु विद्यालय में डाले ताले हैं यहाँ पक्के तो शमसान हैं
मगर कच्चे ये विद्यालय हैं

13
3879 views